बच्चों को बताया गुड टच बैड टच के पीछे छिपे सच को

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नेतृत्व विकास के विद्यार्थी कर रहे है जागरूकता कार्यक्रम
शिवपुरी। मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत संचालित बैचलर ऑफ सोशल वर्क पाठ्यक्रम के सभी विद्यार्थियों के द्वारा अपने-अपने गांव एवं वार्ड में महिलाओं एवं बच्चों को अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे है। दरअसल नेतृत्व विकास पाठ्यक्रम में फील्ड वर्क के 20 अंक दिए जाने का प्रावधान है। गतदिवस बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने सभी स्टूडेंट्स को अपने अपने गांव में जागरूकता कार्यक्रम करने के लिये प्रेरित किया था।
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम का उद्देश्य महज एक डिग्री देना नहीं है, बल्कि आपके भीतर छुपी हुई नेतृत्व क्षमताओं को विकसित करना है। अपने मूल अधिकारों से बंचित महिलाओं, बच्चों, बृद्धजनों, दिव्यांगों को उनके अधिकार दिलाने से ही आपके नेतृत्व के गुण विकसित होंगे। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना, लिंगाधारित सामाजिक भेदभाव, बाल विवाह, बाल यौन शोषण, घरेलू हिंसा, दहेज प्रथा एवं नशा जैसी सामाजिक बुराइयों की खिलाफत कर समाज को नई दिशा देने का कार्य ही तो आपके नेतृत्व के गुणों को विकसित करेगा।
आपका ज्ञान सामाजिक प्रयोगशाला में परिवर्तित होना चाहिए
कागजी प्रायोगिक परीक्षा का कोई औचित्य नहीं, अगर वास्तविक ज्ञान प्राप्त करना है तो समाज के बीच जाकर अपने ज्ञान का प्रयोग करो। समाज कार्य (बैचलर ऑफ शोसल वर्क) के विद्यार्थियों के लिये समाज से अच्छी प्रयोगशाला नहीं हो सकती। हमारी शिक्षा का उद्देश्य समग्र सामाजिक विकास होना चाहिये। 
इन्होंने किया बाल यौन शोषण रोकथाम पर जागरूक
बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षित करने के लिये शहर के वार्ड 32 में शौर्यादल सदस्य करिश्मा सिनोरिया, सीमा माहौर एवं ज्योति शाक्य ने जागरूकता कार्यक्रम किया। करिश्मा सिनोरिया ने बच्चों को बताया कि उनको किस स्थान पर छूने का क्या मतलब होता है। हमारे शरीर के जो निजी अंग होते है, उन्हें आपकी मां के अलावा कोई नहीं छू सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे ना कहो और अपने माता-पिता या भरोसेमंद व्यक्ति को सारी बात बताओ। डरने की जरूरत नहीं है। आंगनबाड़ी केंद्र कांठी में कार्यकर्ता उषा गौतम एवं सहायिका रबूदी आदिवासी ने, वार्ड नं. 35 में कार्यकर्ता रजनी वर्मा एवं सहायिका ज्योति, सुआटौर में कार्यकर्ता मिथलेश शर्मा एवं कोलारस वार्ड नं. में कार्यकर्ता नशीम बानो ने बच्चों को सुरक्षित एवं असुरक्षित स्पर्श से परिचित कराया तथा माता पिता को बच्चों की सुरक्षा के लिये प्रेरित किया।
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