नरवर ( गणेश चीता पत्रकार)। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट गुड्डू बाल्मीकि ने देश में सफाई कार्य में ठेका प्रथा समाप्त करने एवं अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र डाक एवं ईमेल द्वारा भेजा है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुड्डू बाल्मीकि ने बताया है कि देश में सफाई कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहा है, लेकिन उसे उसके प्रतिफल के बदले मात्र 6 से 7 रुपये वेतन का भुगतान किया जाता है जिससे सफाई कर्मचारी के लिए अपने परिवार का भरण पोषण एवं बच्चों की शिक्षा कर पाना असंभव है। ठेका प्रथा मे ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। उन्हें केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। संगठन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की गई है कि सफाई कार्य मे ठेका प्रथा पूरे देश से समाप्त किया जाए जिससे बाल्मीकि समाज शोषण से मुक्त हो चुके। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुड्डू बाल्मीकि ने बताया है कि 2017 में नरेंद्र मोदी जी की केंद्र सरकार ने भारत का राजपत्र में ₹24000 मजदूरी तय की गई जिससे देश के किसी भी राज्य में लागू नहीं किया गया। राजस्थान में जहां 5600 रुपए, मध्यप्रदेश में ₹8000, उत्तर प्रदेश में ₹9000 एवं दिल्ली में ₹14000 लगभग न्यूनतम वेतन का भुगतान किया जाता है जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय ने समान काम के लिए समान वेतन का आदेश किया। अतः भारत के समस्त राज्यों में 24000 न्यूनतम मजदूरी लागू की जाए। गुडडू बाल्मीकि ने कहा है कि जिस प्रकार से देश का सैनिक बॉर्डर पर हमारे देश की रक्षा करता है उसी प्रकार से हमारा स्वच्छता सैनिक देश के अंदर शहर एवं गांव को स्वच्छ कर आम जनता को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अतः पीएम नरेंद्र मोदी से अनुरोध है कि सफाई कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों का दर्जा दिए जाने एवं स्वच्छता सैनिक के नाम से नवाजे जाने की घोषणा की जाए। गुड्डू बाल्मीकि ने कहा है कि सफाई कर्मचारी इस कोरोना वायरस की महामारी के प्रकोप के कारण भी अपने फर्ज को ईमानदारी से निभा रहा है। अतः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सफाई कर्मचारियों को इसके प्रतिफल के बदले उनकी मांगों को मानकर उनके एवं उनके परिवार को इस अंधकार से बाहर निकालने का काम करना चाहिए ।


