सुसाइड नोट में डीईओ औ दो क्लर्कों पर प्रताडऩा का आरोप
शिवपुरी। पिछले लगभग 6 माह से निलंबित चल रहे शिक्षा विभाग के लिपिक वृंदावन शर्मा का शव आज बांकड़े हनुमान मंदिर के पास स्थित जंगल में एक पेड़ पर लटका मिला। उनकी स्कूटी पास ही से बरामद की गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि वृंदावन शर्मा ने आत्महत्या कर जान दी है। सूत्रों के अनुसार घटना स्थल पर पुलिस ने उनके द्वारा लिखित 4 पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है। पुलिस ने सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि की है। लेकिन यह नहीं बताया है कि सुसाइड नोट में वृंदावन शर्मा ने क्या लिखा है। लेकिन सूत्रों के अनुसार उन्होंने आत्महत्या के लिए शिक्षा विभाग के डीईओ कटियार और शिक्षा विभाग के दो लिपिकों प्रशांत गुप्ता और सचिन अग्रवाल को जिम्मेदार ठहराया है तथा अपनी आत्महत्या के लिए उन्हें दोषी करार दिया है। वृंदावन शर्मा के पुत्र गिरीश शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 50 वर्षीय वृंदावन शर्मा शिक्षा विभाग शिवपुरी में जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में एकांउटेंट एवं न्यायालीन प्रकरण का काम काज देखते थे। उन पर आरोप है कि उनकी लापरवाही के कारण डीईओ कार्यालय सील किया गया तथा न्यायालीन प्रकरणों में कलेक्टर, डीईओ, सीईओ और बीईओ को कोर्ट में मानहानि के प्रकरण मेंं पेश होने का आदेश दिया गया था। जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोषी मानते हुए नबंवर 2019 मेें उन्हें तथा एक अन्य लिपिक को निलंबित कर दिया था। तब से वह लगातार निलंबित चल रहे थे और मानसिक तनाव से जूझ रहे थे। बताया जाता है कि शनिवार 27 जून को वृंदावन शर्मा शिवपुरी से 6 किमी दूर बांकड़े हनुमान मंदिर में सुबह 9 बजे दर्शन करने स्कूटी से गए थे। इसके बाद वह घर आ गए थे और घर पर उन्होंने सबको बांकड़े हनुमान मंदिर का प्रसाद खिलाया था। इसके बाद सुबह 10 बजे वह फिर घर से चले गए तथा घर वालों से उन्होंने कहा कि वह अपने खिलाफ चल रही विभागीय जांच में बयान देने के लिए कलेक्ट्रेट जा रहे हैं। लेकिन वृंदावन शर्मा वहां न जाते हुए फिर बांकड़े हनुमान मंदिर पहुंच गए। कल से वह लापता थे और शाम तक जब वह घर नहीं आए तो परिजनों ने उनकी खोज खबर ली और उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट देहात थाना में दर्ज कराई। बताया जाता है कि कल रात में ही परिजन उसे ढूंढते हुए बांकड़े हनुमान मंदिर पहुंचे। जहां उन्हें स्कूटी तो मिल गई। लेकिन वृंदावन शर्मा का पता नहीं चला। रात होने के कारण उन्होंने तलाश सुबह करने का निर्णय लिया तथा आज वृंदावन शर्मा का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। माना जा रहा है कि उन्होंने फांसी का फंदा डालकर आत्महत्या की है।
दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर दर्ज हो आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला : धैर्यवर्धन
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धैर्यवर्धन शर्मा ने वृंदावन शर्मा की कथित आत्महत्या के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार और दो लिपिकों पर प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए मांग की है कि इनके विरूद्ध आत्महत्या उत्प्रेरण का मामला दर्ज किया जाए। ताकि मृतक के परिजनों को न्याय मिल सके । श्री शर्मा का आरोप है कि शिक्षा अधिकारी और दो लिपिकों के षडय़ंत्र से विभाग के बाबू ने आत्महत्या की है। इस मामले में श्री शर्मा का आरोप है कि कलेक्टर ने भी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है। जिस मामले में वृंदावन शर्मा निलंबित हुए थे उसी में राजस्व विभाग के एक बाबू को भी निलंबित किया गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें बहाल कर दिया गया। श्री शर्मा ने कहा कि दो-तीन दिन पहले व्यक्तिगत मुलाकात में उन्होंने मुझे अपनी पीड़ा से अवगत कराया था। तब मैंने उनसे धैर्य रखने को कहा था। लेकिन उनका धैर्य जबाव दे गया। श्री शर्मा अपने पीछे दो शादी लायक बेटियों को भी अनाथ छोड़ गए।
इनका कहना है
न्यायालीन प्रकरणों में लापरवाही के फलस्वरूप वृंदावन शर्मा को निलंबित किया गया था। हमनें उन्हें कभी प्रताडि़त नहीं किया। सुसाइड नोट में क्या लिखा है यह मुझे नहीं पता। लेकिन सुसाइड नोट में कोई कुछ भी लिख सकता है और उसके लिखने से सत्यता प्रमाणित नहीं होती। यह बात सत्य है कि वृंदावन शर्मा के घर पर मैंने प्यून भेजा था। वह इसलिए क्योंकि उनके निलंबन के बाद न्यायालीन चार्ज लिपिक सचिन अग्रवाल को सौंपा गया था और वह चार्ज वृंदावन शर्मा नहीं दे रहे थे।
अजय कटियार, जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी