शिवपुरी। जिला चिकित्सालय में एक युवक सुमित शर्मा की प्लेट कम होने के कारण जब खून की कमी पड़ी तो ए नेगेटिव रक्त को तलाशने के लिए उनके परिजनों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। जिला चिकित्सालय में रक्त की उपलब्धता नहीं थी। इसलिए उन्हें जगह-जगह संपर्क किया।
अंतत: दीपेश राठौर को अस्पताल से सूचना मिली तो उन्होंने अपने भाई के मित्र आईटीबीपी के डिप्टी कमाण्डेंट भूपेन्द्र गोसाईं से संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत ने आईटीबीपी एम्बुलेंस भेजकर कुछ जवानों को भेजा, लेकिन ब्लड ग्रुप मेच न होने के चलते फिर आईटीबीपी जवान मंजूनाथ सिंह जिनका ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव था, जिला चिकित्सालय रक्तदान के लिए भेजा। जिला चिकित्सालय पहुंचते ही उन्होंने जब रक्तदान किया तो परिवार के लोगों ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। बोले सेना के जवान सड़क पर ही सुरक्षा नहीं करते, वक्त आने पर लोगों की जान भी बचाते हैं। उन्होंने आइटीबीपी के डिप्टी कमाण्डेंट भूपेन्द्र गोसाईं, दीपेश राठौर का आभार भी ज्ञापित किया। डिप्टी कमाण्डेंट भूपेन्द्र गोसाईं ने कहा कि रक्तदान कर दूसरों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई जा सकती है। रक्तदान करने से शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ व्यक्ति एक वर्ष में चार बार रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से किसी तरह की कमजोरी नहीं होती है। रक्तदान करने के कुछ दिन के बाद ही शरीर में रक्त तैयार हो जाता है। इसलिए स्वस्थ व्यक्ति को हमेशा रक्तदान करते रहना चाहिए।


