शिवपुरी में पार्षदों का ऐतिहासिक विद्रोह : भ्रष्टाचार के खिलाफ 18 पार्षदों ने पद से दिया सामूहिक इस्तीफा

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हनुमान चालीसा और डीजे के बीच कलेक्ट्रेट पहुंचे पार्षद, जनता और संगठनों का भी जोरदार समर्थन

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका में आज का दिन राजनीतिक इतिहास में दर्ज होगा। शहर के हित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय कुल 18 पार्षद अपने पद से इस्तीफा देने कलेक्ट्रेट पहुँचे। यह कदम नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों और उनके विरुद्ध पार्षदों की लंबे समय से चली आ रही लड़ाई का परिणाम है।

हनुमान मंदिर से कलेक्ट्रेट तक इस्तीफा यात्रा

इस्तीफ़ा देने से पहले सभी पार्षद माधव चौक स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में एकत्रित हुए। यहां उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ कर आशीर्वाद लिया और डीजे-ढोल नगाड़ों के साथ शहर के मुख्य मार्गों से जुलूस निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुँचे। रास्ते में नागरिकों ने पुष्प वर्षा और माल्यार्पण कर उनका उत्साहवर्धन किया। जुलूस कलेक्ट्रेट पहुँचा तो पार्षदों ने अपने इस्तीफ़े एडीएम दिनेश चन्द्र शुक्ला को सौंपे, क्योंकि कलेक्टर अनुपस्थित थे। पार्षदों ने नपा मुख्य गेट पर दंडवत प्राणम कर कहा कि हम शहर हित और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कदम उठा रहे हैं। हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा।

भ्रष्टाचार के आरोपों की लंबी फेहरिस्त

पार्षदों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष चहेते ठेकेदारों को काम देती हैं, जनता की मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं देतीं, पार्षदों के बीच भेदभाव करती हैं। पिछले तीन माह से पार्षद और अध्यक्ष के बीच खींचतान जारी थी, लेकिन प्रशासन या पार्टी नेतृत्व कोई समाधान नहीं निकाल सके।

सामूहिक इस्तीफा में शामिल पार्षद

भाजपा से सरोज रामजी व्यास वार्ड 26, रितु डिम्पल जैन वार्ड 09, ताराचंद राठौर वार्ड 28, विजय बिंदास वार्ड 20, नीलम बघेल वार्ड 11, सरोज धाकड़ वार्ड 12, ओमप्रकाश जैन ओमी वार्ड 05, राजा यादव वार्ड 17, रीना कुलदीप शर्मा वार्ड 18, मीना पंकज शर्मा वार्ड 31, रघुराज गुर्जर वार्ड 21, प्रतिभा शर्मा वार्ड 10, कांग्रेस से संजय गुप्ता वार्ड 04, ममता बाईसराम धाकड़ वार्ड 15, मोनिका सीटू सड़ैया वार्ड 06, कमलाकिशन शाक्य वार्ड 30 एवं निर्दलीय पार्षदों में गौरव सिंघल वार्ड 37, कृष्णा नागर वार्ड 39

शहर में गूंजे नारे

इस्तीफ़ा देने के दौरान शहर में जगह-जगह गली गली में शोर है, गायत्री शर्मा चोर है समेत विभिन्न नारे लगाए गए। आम नागरिकों और संगठनों ने भी पार्षदों का उत्साहवर्धन किया और उनके न्याय की लड़ाई का समर्थन किया। नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ यह ऐतिहासिक विरोध अब सत्ता समीकरण को पूरी तरह बदलने वाला माना जा रहा है। जनता की नजरें अब प्रशासन और पार्टी नेतृत्व की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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