शिवपुरी। नगर पालिका की राजनीति अब किसी फिल्मी थ्रिलर से कम नहीं रही। सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर वेरीफिकेशन के बीच ऐसा ट्विस्ट आया जिसने पूरे घटनाक्रम को हिला कर रख दिया। विरोधी खेमे का नेतृत्व कर रहे उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास ने अचानक पलटी मारते हुए गुपचुप कलेक्ट्रेट पहुंचकर अविश्वास प्रस्ताव वापस लेने का आवेदन सौंप दिया।
👉 पहले बहाना, फिर छलावा
वेरीफिकेशन के समय व्यास ने बहाना बनाया कि मैं आधार कार्ड लाना भूल गया हूँ। मीडिया के सामने भावुक होकर हृदय परिवर्तन की बात कहकर लौट गए। लेकिन शाम साढ़े 5 बजे, व्यास और पार्षद ताराचंद राठौर चुपचाप कलेक्ट्रेट पहुंचे और अविश्वास प्रस्ताव वापसी का आवेदन थमा दिया। इसके साथ 14 पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पन्ना भी संलग्न था।
👉 असली सवाल: हस्ताक्षर क्यों किए?
अब सवाल उठता है कि दिन में 18 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर डटे थे, तो उसी दिन 14 पार्षदों ने वापसी आवेदन पर हस्ताक्षर क्यों कर दिया? क्या ये दबाव में हुए? क्या पार्षदों को बिना बताए उनका नाम दिखा दिया गया? या फिर पूरी मुहिम जनता को गुमराह करने का खेल थी? जनता और विरोधी पार्षदों के लिए यह बड़ा उलझाव बन गया।
👉 सदमे में विरोधी पार्षद
घटना से बाकी पार्षद सकते में हैं। उनका कहना है कि अगर प्रस्ताव वापसी करनी ही थी तो सबके सामने करते। गुपचुप आवेदन देकर हम पर ही सवाल क्यों उठाया गया? विरोधी पार्षद मंगलवार को कलेक्ट्रेट जाकर शपथ पत्र देकर इस कदम का विरोध दर्ज कराएंगे।
👉 रामजी व्यास ने दूसरी बार मारी पलटी
यह पहली बार नहीं है जब व्यास ने पलटी मारी। अध्यक्ष चुनाव में वे सबसे मजबूत दावेदार होने के बावजूद अंतिम समय में सरेंडर कर गायत्री शर्मा को जीतने दे चुके हैं। अब तीन साल बाद उन्होंने विरोधी खेमे की कमान संभालने के बाद अचानक पाला बदल दिया।
👉 भाजपा दबाव और रणनीति
सूत्रों की मानें तो भाजपा जिला नेताओं ने उपाध्यक्ष और उनके पति पर दबाव डाला। पार्षद राजू गुर्जर ने आरोप लगाया कि रामजी व्यास, ओमी जैन और ताराचंद राठौर ने विरोधी खेमे की पूरी रणनीति बिगाड़ दी। यही कारण था कि 18 पार्षदों ने दिन में हस्ताक्षर की पुष्टि की, लेकिन शाम तक 14 पार्षदों के नाम वापसी आवेदन में आ गए।
👉 जनता और पार्षदों में रोष
रामजी व्यास की इस चाल ने जनता और पार्षदों में गहरा रोष पैदा कर दिया है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर विरोध करना था तो सबके सामने क्यों नहीं किया? पार्षदों का कहना है कि यह कदम न केवल उनके लिए अपमानजनक था, बल्कि पूरे विरोधी खेमे की साख को भी चुनौती देता है।
👉 राजू गुर्जर का ऐलान
मुखर विरोधी पार्षद राजू गुर्जर ने कहा कि उपाध्यक्ष और उनके पति ने पार्षदों को धोखा दिया है। पद और पैसे के लिए लोग भगवान तक को नहीं बख्श रहे। मैं कल कलेक्टर को इस्तीफा दूंगा। कम से कम मैं हनुमान जी के समक्ष नीचा नहीं देखूंगा।