कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री केपी सिंह कक्काजू ने बाढ़ प्रभावित गाँवों का दौरा कर पीड़ितों के हालात देखे, सरकारी सर्वे पर उठाए सवाल
शिवपुरी। कोलारस विधानसभा में हाल ही में आई बाढ़ ने कई गांवों को तबाह कर दिया। ऐसे संकट के समय में जब अधिकांश जनप्रतिनिधि चुप हैं, तब मप्र शासन के पूर्व कैबिनेट मंत्री केपी सिंह कक्काजू ने एक ज़िम्मेदार जननेता की भूमिका निभाते हुए ग्राम लिलवारा, अनंतपुर, संगेश्वर, लालपुर, टपरियन और लगदा सहित कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुआयना किया और पीड़ित ग्रामीणों से सीधे संवाद किया।
ग्रामीणों ने खुलकर बताया कि उनके कच्चे घर ढह चुके हैं, गृहस्थी का सामान और खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा, सरकारी सर्वे को पक्षपातपूर्ण और दिखावटी बताते हुए उन्होंने शिकायत की कि कई गांवों में पटवारी मौके पर गए ही नहीं, सिर्फ सड़क से ही कागजी सर्वे कर लिया गया। लिलवारा गांव की आदिवासी बस्ती में तो अधिकारी पहुँचे तक नहीं, सिर्फ नाम का सर्वे कर लिया गया। कक्काजू ने ग्रामीणों की शिकायतें गंभीरता से सुनीं और मौके पर ही आश्वासन दिया कि यदि जिला प्रशासन दोबारा निष्पक्ष सर्वे नहीं कराता, तो वे स्वयं राज्य शासन स्तर पर आवाज उठाएंगे। उन्होंने कलेक्टर से सीधी बात कर लिलवारा में दोबारा सर्वे कराने की बात कही। सिर्फ मकान और अनाज की समस्या ही नहीं, बल्कि फसल बीमा में भी बड़ा घपला उजागर हुआ। कक्काजू ने बताया कि कोलारस सब-डिवीजन में सरकार द्वारा बीमा कंपनी को दिए गए नोटिफिकेशन में केवल सोयाबीन की फसल का जिक्र है, जबकि हकीकत में यहां धान और मक्का की फसलें ज्यादा बोई गई थीं। इसका मतलब है कि हजारों किसानों को बीमा का लाभ ही नहीं मिलेगा। इस विषय में भी कक्काजू ने प्रशासन से संशोधन और सुधार की मांग की। कक्काजू ने दो टूक कहा कि मैं किसी भी बाढ़ पीड़ित को न्याय से वंचित नहीं होने दूँगा। यह सिर्फ राजनीति नहीं, एक सामाजिक जिम्मेदारी है।