पार्टी किसी भी सूरत में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी
शिवपुरी। नगर पालिका शिवपुरी की राजनीति में चल रहे शक्ति प्रदर्शन ने अचानक नया मोड़ ले लिया है। जिस नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा को विरोधी गुट ने अल्पमत में बता दिया था, वही अब संगठन और नेताओं की रणनीति से पहले से ज्यादा मजबूत स्थिति में नजर आ रही हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव ने साफ कर दिया है कि पार्टी किसी भी सूरत में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी और तीन महीने में सभी विवाद निपटा दिए जाएंगे। यह बयान नपाध्यक्ष के लिए सीधे-सीधे राजनीतिक अभयदान माना जा रहा है।
अध्यक्ष के समर्थन में उतरे पावरफुल चेहरे
सिर्फ भाजपा ही नहीं, बल्कि संगठन से जुड़े आधा दर्जन से ज्यादा प्रभावशाली चेहरे भी अध्यक्ष को बचाने की कवायद में जुट गए हैं। इनमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, दो सांसद प्रतिनिधि, एक बड़े स्कूल संचालक और एक नामी होटल व्यवसायी शामिल हैं। ये नेता लगातार पार्षदों से संपर्क साधकर उन्हें समझा रहे हैं कि संगठन की लाइन से हटकर कदम उठाना किसी के लिए भी नुकसानदेह साबित होगा।
समीकरण बदले, बागी गुट अलग-थलग
39 सदस्यीय नगर पालिका में जिस अध्यक्ष को पहले अल्पमत में दिखाया जा रहा था, अब वही कांग्रेस के नरम रुख और भाजपा संगठन के खुले समर्थन से बहुमत की ओर बढ़ रही हैं। समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। नतीजा साफ है कि गायत्री शर्मा की कुर्सी खतरे से बाहर है और बागी पार्षद राजनीतिक तौर पर अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं।