नई दिल्ली/भोपाल। मध्यप्रदेश में बाढ़ और अतिवृष्टि की विभीषिका के बीच जनता को राहत देने की दिशा में आज एक अहम राजनीतिक हलचल देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दिल्ली में हुई मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि नीति, नियति और नीयत को समर्पित एक संजीदा चर्चा थी।
ज़मीन से जुड़े मुद्दे, समाधान की ठोस रणनीति
गुना सांसद सिंधिया ने अपने संसदीय क्षेत्र गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में हालिया बाढ़ से पैदा हुए संकट को बारीकी से मुख्यमंत्री के सामने रखा—खेतों में बर्बाद खड़ी फसलें, टूटी सड़कें, बेहाल ग्रामीण, और बुनियादी ढांचे की जर्जर हालत। उन्होंने माँग की कि प्रभावित परिवारों को त्वरित राहत और मुआवज़ा दिया जाए, क्षतिग्रस्त सड़क, पुल और जल निकासी व्यवस्थाएं जल्द बहाल हों, दीर्घकालिक जल प्रबंधन और आपदा रणनीति पर कार्य शुरू हो
मुख्यमंत्री का वादा: कोई पीड़ित पीछे नहीं छूटेगा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी बिंदुओं पर सहमति जताई और स्पष्ट कहा कि सिंधिया जी द्वारा बताए गए हर बिंदु पर तत्परता से कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार हर ज़रूरतमंद के साथ खड़ी है। उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत निर्देश देकर राहत और पुनर्वास कार्यों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
एक सप्ताह में दूसरी मुलाकात: सहयोग का नया अध्याय
यह दोनों नेताओं की एक सप्ताह में दूसरी मुलाकात है। 4 अगस्त को भी मुख्यमंत्री और सिंधिया ने मिलकर शिवपुरी और गुना के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था—जहाँ उन्होंने न केवल पीड़ितों से मुलाकात की, बल्कि मौके पर ही राहत के आदेश भी दिए थे।