नैतिक सेवा और संवाद ही मरीज की पहली दवा : डीन डॉ. डी. परमहंस

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श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय चिकित्सालय का डीन ने किया निरीक्षण

शिवपुरी। मरीजों के प्रति संवेदनशीलता, सहानुभूति और नैतिकतापूर्ण सेवा भाव हर स्वास्थ्यकर्मी का परम कर्तव्य है। यह बात श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के अधिष्ठाता डॉ. डी. परमहंस ने मंगलवार को अस्पताल निरीक्षण के दौरान कही।

डीन ने कहा कि चिकित्सालय स्टॉफ का व्यवहार मरीज और उनके परिजनों से सम्मानजनक और संवादात्मक होना चाहिए, जिससे मरीज गरिमा और गोपनीयता के साथ उपचार प्राप्त कर सकें। वहीं मरीजों और उनके परिजनों की भी जिम्मेदारी है कि वे अस्पताल के नियमों का पालन करते हुए कर्मचारियों का सम्मान करें और सहयोग दें। निरीक्षण के दौरान डॉ. परमहंस ने मरीजों की संख्या को देखते हुए आईपीडी काउंटर एक से बढ़ाकर दो करने की घोषणा की। फिलहाल अस्पताल में चार ओपीडी काउंटर संचालित हैं, जिनसे रोजाना 1200 से 1500 मरीज लाभान्वित होते हैं। डीन ने स्पष्ट किया कि नए काउंटर से भर्ती मरीजों को तुरंत सुविधा मिल सकेगी और किसी को असुविधा नहीं झेलनी पड़ेगी। इस मौके पर उन्होंने मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग, सर्जरी विभाग की ओपीडी सहित रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, आईसीयू, एसआईसीयू, स्त्री एवं प्रसूति वार्ड और आपात चिकित्सा इकाई का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर और कर्मचारी समय पर उपस्थित रहें और निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करें। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. आशुतोष चौऋषि, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. अनंत कुमार राखोंडे, डॉ. शिखा जैन, सहायक पीआरओ राहुल अष्ठाना, एजाइल मैनेजर धीरज नीखिल सहित वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य स्टाफ मौजूद रहे।


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