डॉक्टर बोले- सिस्ट फटता तो मरीज की जान पर बन आती
शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी ने इतिहास रचते हुए पहली बार लिवर की गंभीर बीमारी हाइडैटिड सिस्ट का सफल ऑपरेशन किया है। डॉक्टरों की टीम ने 64 वर्षीय सरदार सिंह निवासी गुना के लिवर से 16 बाई11 से.मी. का संक्रमित सिस्ट निकालकर मरीज को नया जीवन दिया।
इस जटिल ऑपरेशन को मेडिकल कॉलेज के डीन एवं वरिष्ठ सर्जन डॉ. डी. परमहंस, सर्जन डॉ. नीति अग्रवाल तथा एनेस्थेसिया विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पा अग्रवाल की टीम ने अंजाम दिया। डॉक्टरों के अनुसार, यदि समय पर सर्जरी नहीं होती तो यह सिस्ट फट सकता था, जो मरीज की जान के लिए बेहद खतरनाक था। डॉ. नीति अग्रवाल ने बताया कि मरीज लंबे समय से हर्निया और पेट दर्द से परेशान थे। जांच में लिवर में हाइडैटिड सिस्ट की पुष्टि हुई, जिसके बाद डीन की देखरेख में हर्निया के साथ-साथ सिस्ट का भी ऑपरेशन किया गया। डॉ. डी. परमहंस ने जानकारी दी कि यह बीमारी एकीनोकॉकस ग्रैनुलोसस नामक परजीवी संक्रमण से होती है। यह सिस्ट लिवर को 60-70 प्रतिशत और फेफड़ों को 20-30 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकता है। यदि यह शरीर में फट जाए तो मरीज की जान भी जा सकती है। फिलहाल मरीज को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है और बॉयोप्सी रिपोर्ट जांच हेतु पैथोलॉजी विभाग को भेजी गई है। इस सफलता से शिवपुरी मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा सेवाओं में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।


