कृष्ण जन्मोत्सव और 108 फीट शिव प्रतिमा का संकल्प बना आकर्षण का केंद्र
शिवपुरी। नर्सरी ग्राउंड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का चतुर्थ दिवस शिवपुरी के लिए ऐतिहासिक बन गया, जब बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाकर सैकड़ों श्रद्धालुओं के दु:खों का निवारण किया और लाखों की भीड़ भाव-विभोर होकर इस अलौकिक क्षण की साक्षी बनी। कथा में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शास्त्री जी से आशीर्वाद लिया और कहा कि यह आयोजन इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।
कथा के दौरान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने शिवपुरी को भगवान शिव की तपोभूमि बताते हुए घोषणा की कि यहाँ 108 फीट ऊँची भगवान शिव की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तुरंत इस संकल्प को स्वीकारते हुए कहा कि शास्त्री जी के आदेश का शत-प्रतिशत पालन किया जाएगा। इस घोषणा पर पूरा पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। नंदघर की आनंदित छटा, जय कन्हैया लाल की के जयघोष और पीले वस्त्रों में सजी महिलाओं के साथ आज का दिन खूब उल्लास से भरा रहा। पं. शास्त्री की गोद में नन्हें शिशु को श्रीकृष्ण स्वरूप मानकर दर्शनों का लाभ दिलाया गया। केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी जन्मोत्सव के साक्षी बने और भक्तों के साथ मिलकर दीप आरती की। यजमान श्रीमती ऊषा-रामप्रकाश गुप्ता एवं श्रीमती शिल्पी-कपिल गुप्ता परिवार ने सिंधिया का आभार व्यक्त करते हुए मोबाइल की फ्लैशलाइट से पूरा पंडाल रोशन कराया।
दिव्य दरबार में सैकड़ों समस्याओं का समाधान
पं. शास्त्री ने भव्य दिव्य दरबार लगाकर बिना बताए ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया। अशोकनगर, ग्वालियर, मगरौनी, पोहरी और शिवपुरी के कई व्यक्तियों को मंच से बुलाकर परिवारिक कठिनाइयों, प्रेतबाधा और संतापों का निवारण बताया गया। हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ के साथ प्रेतबाधाओं को दूर किया गया। उन्होंने कहा कि जिसे सपने में दो दिन लगातार बंदर दिखे, समझो अर्जी लग गई। साथ ही 30 नवंबर को पुन: दिव्य दरबार लगाने और श्रद्धालुओं को नारियल व लाल कपड़े लाने का आग्रह किया। आज वृद्धजनों के लिए अग्रिम पंक्ति में विशेष बैठक व्यवस्था रहेगी और उनसे आरती भी कराई जाएगी।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान, हिन्दू 4 बच्चे पैदा करो, 1 देश को और 1 धर्म को दो
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पत्रकार वार्ता में प्रखर संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी पदयात्रा राजनीति के लिए नहीं, बल्कि हिंदू एकता और सनातन जागरण के लिए है। शास्त्री जी ने जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जताते हुए कहा कि चार बच्चे पैदा करो, एक देश को और एक धर्म को दो। उन्होंने गीता-भागवत को पाठ्यक्रम में जोडऩे, सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाने और युवाओं को अब्दुल कलाम जैसे आदर्श अपनाने की सीख दी। कथा पंडाल में हजारों भक्तों ने जयकारों के साथ उनका संदेश सुना।


