कमलनाथ सरकार की अब जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायतों में प्रशासक बैठाने की तैयारी

भोपाल। सहकारी बैंक और नगरीय निकायों के बाद राज्य सरकार ने जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में भी प्रशासक नियुक्त करने की तैयारी कर ली है। प्रदेश की 23 हजार 237 पंचायतों का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है। इसके बाद प्रशासकों की नियुक्ति की जाएगी। मप्र राज्य निर्वाचन आयोग फिलहाल फोटोयुक्त मतदाता सूची का पुनरीक्षण कर रहा है। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को किया जाएगा, इसलिए प्रदेश में जून से पहले चुनाव करवाए जाने की संभावना नहीं है।
चुनावों में देरी के चलते राज्य सरकार उन सहकारी बैंक और नगरीय निकायों में प्रशासक नियुक्त कर चुकी है, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। अब ग्राम, जनपद और जिला पंचायत की बारी है। इनका कार्यकाल अगले माह पूरा हो रहा है। इसे देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने प्रशासक बैठाने की तैयारी शुरू कर दी है। इंतजार है तो पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने का। 12 मार्च को इनका कार्यकाल पूरा होगा और 13 मार्च को प्रशासकों की नियुक्ति हो जाएगी। फिर प्रशासक चुनाव के पहले जनता के कामकाज करेंगे। इसके बाद चुनाव करवाए जाएंगे।
फिर से कराना पड़ सकता है परिसीमन
ग्राम पंचायतों का परिसीमन फिर से करवाना पड़ सकता है। दरअसल, प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने 30 नई नगर परिषदों का गठन किया था। तकनीकी आधार बनाने के लिए तत्कालीन सरकार ने 22 ग्राम पंचायतों का इनमें विलय किया था। जबकि पंचायत के लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। कमलनाथ सरकार के सामने जब यह मामला आया तो सरकार ने इन पंचायतों को नगर परिषद से बाहर कर दिया है। इसलिए चुनाव से पहले ग्राम पंचायतों का परिसीमन फिर से करवाया जा सकता है। ग्राम पंचायतों के प्रभावित होने से जनपद और जिला पंचायतें भी प्रभावित होंगी। इसलिए त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव करवाने में देरी होने की आशंका जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव के बाद सरकार अक्टूबर 2020 में नगरीय निकायों के चुनाव करवाने की कोशिश में है।
प्रदेश में पंचायतों की संख्या
ग्राम पंचायत          - 22,872
जनपद पंचायत      -              313
जिला पंचायत        -                52
इनका कहना है
12 मार्च को पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। हमारी कोशिश जल्द से जल्द चुनाव करवाने की है। जब तक चुनाव नहीं होते हैं, तब तक प्रशासक नियुक्त करने पड़ेंगे।
- मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग

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