प्रशासन ने आज फिर एक बालिका को वधु बनने से बचाया

MP DARPAN
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टीम ने परिजनों को समझाइश के साथ पिछोर में दर्ज मामले की खबर भी पढ़ाई
शिवपुरी। बांसखेड़ी गांव के आदिवासी परिवार में शुक्रवार को 15 वर्षीय बालिका के बाल विवाह होने की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुंदरियाल को मिली। सूचना पर कार्यवाही के लिये ग्रामीण परियोजना अधिकारी मंजुलता दुवे,पर्यवेक्षक फरीदा खान, बाल संरक्षण के सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन, विशेष किशोर पुलिस इकाई से राकेश परिहार, चाइल्ड लाइन से विनोद परिहार, शक्तिशाली महिला संगठन से रवि गोयल एवं श्रद्धा जादौन को भेज गया।
टीम जब पहुंची तो बालिका के माता-पिता घर पर नहीं मिले। शुक्रवार शाम को बारात आनी थी। परिजनों ने बताया की शिवपुरी में समान खरीदने गए है। जब परिजनों एवं रिस्तेदारों को बालिका की उम्र कम होने से विवाह न करने के लिये समझाया तो उन्होंने लिखकर दिया कि उम्र पूरी होने तक विवाह नहीं करेंगे। टीम के द्वारा स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को मौके पर निगरानी करने के लिये रखा गया है। टीम ने जब परिजनों को समझाइश दे रहे थे, कि बाल विवाह एक अपराध है। जिसके लिये 3 साल तक की सजा और एक लाख तक के जुर्माना होता है। तो कुछ परिजनों ने प्रतिक्रिया दी कि अभी तक तो कम उम्र में कितनी ही लड़कियों के विवाह हुए किसी को सजा नहीं हुई। तभी टीम सदस्यों ने गत दिवस पिछोर में दर्ज हुए मामलों की जानकारी देते हुए पेपर कटिंग भी दिखाकर बताया कि इन्होंने समझाने के बाद भी बाल विवाह कर दिया। अब सभी को जेल जाना पड़ेगा।
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