राष्ट्र के लिए जीवन समर्पित करने वालों को मिलती है राष्ट्रवीर की उपाधि : मानक चंद राठौर

MP DARPAN
0
राठौर युवा जागृति मंच के नेतृत्व में दुर्गादास जयंती पर राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित
शिवपुरी। राठौर  युवा जागृति मंच के नेतृत्व में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की 382 वी जयंती  कोरोना महामारी के कारण  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए  राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर चौराहे पर मनाई गई  जिस पर सर्वप्रथम प्रतिमा को  धुलवाया गया  उसके उपरांत  भगवा ध्वज से चौक  को सजाया  और  समाज बंधुओं ने  पुष्पहार  पहना कर गूंजे धरती और आकाश अमर रहेंगे दुर्गादास के गगनभेदी नारों के साथ  पुष्पांजलि अर्पित की ।
दुर्गादास के जीवन पर  प्रकाश डालते हुए  पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष मानक चंद राठौर ने कहा कि वीरदुर्गादास राठौड़  जिन्होंने अपने दायित्व बोध के कारण 40 वर्ष लंबे संघर्ष को सहर्ष स्वीकार किया। जिन जसवंतसिंह जी के दुर्गादास जी सेवक थे, उन जसवंतसिंह जी की सेवा में तो और भी अनेक वीर थे। दुर्गादास जी जिस मारवाड़ के सैनिक थे, उस मारवाड़ में तो और भी कई सैनिक थे। ऐसे में यदि दुर्गादास जी चाहते तो सरलता से यह कहकर इस संघर्ष से बच सकते थे कि यह कोई मेरा अकेले का दायित्व नहीं है अथवा यह मेरी क्षमता से बाहर है और यदि वे ऐसा करते तो भी उन पर कोई आक्षेप नहीं लगता। किन्तु सच्चे क्षत्रिय का कर्त्तव्य आक्षेपों के भय अथवा साधनों की विपुलता से तय नहीं होता। वह तो ईश्वर द्वारा क्षत्रिय कुल में दिए गए जन्म के साथ ही तय हो जाता है। उसी कर्त्तव्य की मांग पर दुर्गादास जी ने स्वयं आगे बढ़कर उस संघर्ष को अपनाया जो एक अवसर के रूप में उनके सामने आ खड़ा हुआ था। कर्त्तव्य मार्ग पर संघर्ष की ज्वाला में अपना सर्वस्व होमने की क्षात्र-परंपरा का पालन करने के कारण ही आज दुर्गादास जी जन-जन के लिए पूज्य है। ऐसे  राष्ट्रवीर के जीवन से समाज को प्रेरणा लेनी चाहिए। पार्षद विष्णु राठौर ने कहा कि यदि राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर ने मारवाड़ में औरंगजेब से लोहा ना लिया होता तो आज संपूर्ण राष्ट्र मुगलो का गुलाम होता उन्होंने अपने राष्ट्र -धर्म की रक्षा के लिए संपूर्ण जीवन न्योछावर किया और अंत काल में उज्जैन नगरी में सब राजपाट छोड़कर अपना जीवन व्यतीत किया इसलिए आज उन्हें  राष्ट्रवीर की उपाधि से नवाजा गया है इस अवसर पर राठौर युवा जागृति मंच के अध्यक्ष जितेंद्र राठौर, विशाल, रविकांत, विवेक, दीपक घी वाले, दीपक दूध वाले, दीपू, कमल,आकाश,बलराम,जीतू, विष्णु,,राजेश, माणकचंद , शिवकुमार जी, विष्णु जी,अनिल जी, केके, प्रशांत, छिंगा जी, अनिल मनियर,रघुवीर मास्टर जी, गौरीशंकर जी, गोपाल जी, राकेश जी, राजकुमार जी, सहित अनेक समाज बंधु व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे
Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top