मध्यप्रदेश कैबिनेट के फैसले: निकायों में स्थिरता, पुलिस होगी हाई-टेक, न्याय मिलेगा फास्ट-ट्रैक पर

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भोपाल।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में सरकार ने ऐसे फैसले लिए जो प्रदेश की राजनीति, पुलिस और न्याय व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएंगे।

अविश्वास प्रस्ताव पर लगेगी रोक, निकाय अध्यक्ष होंगे सुरक्षित

👉सरकार अध्यादेश लाकर नगरपालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर रोक लगाएगी।

👉अध्यक्ष अब प्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाएंगे, ताकि सौदेबाज़ी और अराजकता खत्म हो।

👉नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा– स्थिर निकाय शासन ही विकास की गारंटी है।

पुलिस विवेचना में डिजिटल क्रांति

👉प्रदेश के थानों को मिलेंगे 25 हजार जीपीएस युक्त टैबलेट।

👉पहले चरण में 1732 टैबलेट खरीदने की मंजूरी।

👉टैबलेट से मौके पर ही वीडियो-फोटो साक्ष्य जुटाए जाएंगे।

👉योजना पर खर्च होंगे 75 करोड़ रुपए, पुलिसकर्मी होंगे प्रशिक्षित।

👉अब विवेचना होगी तेज़, सटीक और पारदर्शी।

हर अदालत में प्रॉसिक्यूटर, जनता को मिलेगा त्वरित न्याय

👉सरकार ने लागू की वन कोर्ट-वन प्रॉसिक्यूटर नीति।

👉610 नए पद सृजित 

185 अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी

225 जिला लोक अभियोजन अधिकारी

100 सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी

👉इस पर होगा 60 करोड़ 24 लाख रुपए का व्यय।

👉हर कोर्ट में रहेगा प्रॉसिक्यूटर, जिससे जनता को मिलेगा तेज़ और भरोसेमंद न्याय।

सीधा असर जनता पर

👉निकायों में राजनीतिक स्थिरता और पारदर्शी शासन

👉पुलिस विवेचना में आएगी तकनीकी मजबूती

👉न्याय प्रक्रिया होगी फास्ट-ट्रैक, लोगों को मिलेगा त्वरित न्याय

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