शिवपुरी। रविवार का दिन शिवपुरी जिले के लिए मातम बनकर उतरा। खेल-खिलखिलाहट और सपनों से भरी तीन युवा जि़ंदगियां अचानक थम गईं। दो अलग-अलग घटनाओं में कुएं में डूबकर तीन युवकों की मौत हो गई। इनमें से दो परिवारों ने अपने इकलौते बेटों को खो दिया, जिन्हें देखकर बूढ़े मां-बाप का सहारा, बहनों का भाई और घर का भविष्य उजड़ गया।
पहला हादसा: मल्हावनी गांव में टूटी सांसों की डोर
पिछोर के मल्हावनी गांव में 22 साल का अरविंद पाल और 18 साल का रोहित रजक रोज़ की तरह भैंसों को लेकर जंगल की ओर गए थे। गर्मी से राहत पाने के लिए दोनों कुएं में उतरे। लोहे के तार का सहारा लिया, लेकिन अचानक वही तार टूट गया और जीवन की डोर भी टूट गई। अरविंद तैरना जानता था, मगर जब रोहित डूबने लगा तो उसने सहारे के लिए उसे पकड़ लिया। नतीजा यह हुआ कि दोनों गहराई में समा गए। गांव के बच्चे की चीख पर लोग दौड़े, लेकिन तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद ही शव बाहर निकाले जा सके। रोहित अपने परिवार का इकलौता बेटा था। उसकी मौत से घर में मातम पसरा है और बूढ़े मां-बाप की आंखों से आंसू थम नहीं रहे।
दूसरा हादसा: नगरा गांव में अधूरी रह गई सीख
पोहरी के झिरी गांव का 17 वर्षीय अंकेश चिढ़ार दोस्तों के साथ नगरा गांव के कुएं पर नहाने गया। उसे तैरना नहीं आता था, फिर भी वह हिम्मत कर कुएं में उतर गया, सोचा होगा तैरना सीख लूंगा। लेकिन गहराई ने उसे अपने आगोश में ले लिया। दोस्तों के कैमरे में उसकी आखिरी झलक कैद हुई, जब वह रस्सी के सहारे पानी में खेल रहा था। चार घंटे बाद गोताखोरों ने उसका शव निकाला। अंकेश भी अपने परिवार का इकलौता बेटा था और पीछे रह गईं उसकी तीन बहनें, जिनके लिए अब भाई की राख और यादें ही सहारा हैं।
गांव में पसरा मातम, टूटी उम्मीदें
इन दोनों हादसों ने दो गांवों को शोक से भर दिया है। जहां सुबह तक खेत-खलिहान में हंसी गूंज रही थी, वहीं शाम तक सिर्फ सिसकियां और चीत्कार सुनाई देने लगीं। पुलिस ने दोनों मामलों में मर्ग कायम कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।