संस्कार ही जीवन का असली अलंकार, रामचरित मानस और गीता बने बच्चों की शिक्षा का आधार: महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

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आज लगेगा भव्य दिव्य दरबार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का होगा उत्सवमय आयोजन
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज करेंगे कथा में शिरकत

शिवपुरी। नर्सरी ग्राउंड में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिवस पर बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के ओजस्वी प्रवचनों ने हजारों श्रद्धालुओं के हृदय को भक्ति, राष्ट्रभावना और संस्कृति से सराबोर कर दिया। महाराज श्री ने घोषणा करते हुए कहा कि देश के भविष्य हमारे बच्चों को पहली कक्षा से रामचरित मानस और कक्षा दस से गीता पाठ पढ़ाया जाए, तभी भारतीय संस्कृति और संस्कार जीवित रहेंगे।

उद्बोधन में महंत शास्त्री ने स्पष्ट कहा कि यह देश अकबर का नहीं, रघुवर का है। जिन नगरों और सड़कों के नाम विदेशी आक्रांताओं के नाम पर हैं, उन्हें अब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों, संतों और राष्ट्रनायकों के नाम पर होना चाहिए। कथा पूर्व पुलिस प्रशासन, मीडिया कर्मियों व आयोजक कपिल गुप्ता परिवार को महाराज जी ने आरती कराकर आशीर्वाद दिया। अपने दिव्य प्रवचन में उन्होंने भक्ति मार्ग को परमात्मा प्राप्ति का सबसे सरल उपाय बताया कि ज्ञान मार्ग महान है, पर कठिन भी। अहंकार का खतरा बना रहता है। पर भक्तिमार्ग अपनाने वाला सरल मन का होता है- सच्चा, विनम्र, निष्कपट। परमात्मा ऐसे हृदय पर शीघ्र रीझ जाते हैं। उन्होंने साधना की सरल विधि बताई कि श्वास अंदर जाए तो इष्ट का नाम, बाहर आए तो भी इष्ट का नाम। यही निरंतर स्मरण साधक को ईश्वर से जोड़ता है। महाराज श्री ने सुंदर उदाहरणों से समझाया कि सच्चा दिल और निष्कपट मन ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूँजी है। जो सच्चा है, वह बच्चा है, और जो बच्चा बन जाए उसे भगवान सबसे जल्दी मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को एकजुट होकर महाराणा प्रताप व शिवाजी जैसा तेज धारण करना होगा। तिरंगे पर चाँद नहीं, लेकिन चाँद पर तिरंगा फहरे यही हमारे भारत की महिमा है। शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अपने बच्चों को भिक्षा से बचाना है तो उन्हें शिक्षा और संस्कार दो। माँ-बाप से बड़ा कोई नहीं। मोहब्बत जरूरी है, लेकिन माता-पिता से ज्यादा जरूरी नहीं। कलियुग के संदर्भ में महंत शास्त्री ने कहा कि जुआ, शराब, हिंसा और अनैतिकता से बचकर ही जीवन सुरक्षित रह सकता है। कलियुग में हरि-नाम ही सबसे बड़ा सहारा है।

आज का दिन होगा विशेष

दोपहर 12 बजे महंत जी का दिव्य दरबार लगेगा, जहाँ वे भक्तों की मानसिक व शारीरिक समस्याओं के निदान बताएंगे। प्रेतबाधा मुक्ति का विशेष सत्र भी होगा। इसी के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव भी उत्साह और अद्भुत भव्यता के साथ मनाया जाएगा। आयोजक कपिल गुप्ता ने बताया कि आज कथा के मुख्य प्रेरणास्त्रोत केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया उपस्थित होकर कथा का रसपान करेंगे। व्हीआईपी व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर ‘पहले आए, पहले पाए’ का निर्णय लोगों द्वारा खूब सराहा जा रहा है।

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