एम्स भोपाल में मासूम से मिले जीतू पटवारी, कहा- मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था चरमराई, बेटियाँ भगवान भरोसे

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भोपाल।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी आज एम्स अस्पताल पहुँचे, जहां उन्होंने रायसेन की 6 वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची का हाल जाना। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और डॉक्टरों से इलाज, सुरक्षा और आगे की चिकित्सा ज़रूरतों की विस्तृत जानकारी ली। कांग्रेस की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया। इस दौरान पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा, एमपीसीसी मीडिया हेड मुकेश नायक, पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल, वरिष्ठ नेता रविन्द्र साहू, शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, जिला ग्रामीण अध्यक्ष अनोखी पटेल, पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष कंसाना, वरिष्ठ नेता अशोक मारन, प्रदेश प्रवक्ता अभिनव बरोलिया, यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, नेता प्रकाश चौकसे और अभिषेक परमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

बच्ची की स्थिति देखकर भावुक हुए पटवारी ने कहा कि यह दर्द शब्दों में नहीं बताया जा सकता। ऐसा कृत्य करने वाला इंसान नहीं, राक्षस है। पुलिस को ऐसे दरिंदे को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिलानी चाहिए, ताकि समाज में कड़ा संदेश जाए। उन्होंने प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में रोजाना मासूम बेटियों से हो रहे अपराधों ने प्रदेश का सिर शर्म से झुका दिया है। हालात ये हैं कि कानून और पुलिस का डर खत्म होता जा रहा है। सरकार अपराध रोकने में पूरी तरह विफल है।

मुख्यमंत्री- गृहमंत्री पर पटवारी का तीखा हमला, एसपी बदलने से नहीं रुकेगा अपराध

सिर्फ एसपी या टीआई हटाने से कुछ नहीं होगा। अगर हटाने से अपराध रुकते हों तो एक बार में सारे एसपी बदल दीजिए। अपराध रोकने के लिए आधुनिक संसाधन, प्रशिक्षित पुलिस बल और टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम चाहिए, न कि सिर्फ तबादलों की राजनीति। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इमेज मैनेजमेंट में लगी है, जबकि अपराध पर रोक लगाने की नीयत नजर नहीं आती। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि हटाए गए अफसर कुछ समय बाद किसी दूसरे पद पर नजर आएंगे। यह परंपरा अपराधियों को परोक्ष संरक्षण देने वाली बन चुकी है।

पटवारी ने रखीं तीन प्रमुख मांगें 

1. आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी व फास्ट ट्रैक कोर्ट में सख्त सजा। 2. महिला व बाल सुरक्षा की विशेष नीति और जवाबदेही आधारित आधुनिक पुलिस व्यवस्था। 3. रोज़ाना हो रहे जघन्य अपराधों की उच्चस्तरीय समीक्षा और ठोस कार्ययोजना।

अंत में उन्होंने कहा कि हम परिवार का दर्द बांटने आए हैं। यह सिर्फ एक बच्ची की वेदना नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की सामूहिक पीड़ा है। दोषी को ऐसी सजा मिले कि भविष्य में कोई दरिंदा किसी मासूम की ओर देखने से पहले सौ बार सोचे।

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